
An initiation to good thoughts.
Hi, I’m Akshay, I became a full-time freelance writer in 2016. I spend most of my time writing or reading blogs.
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अक्टूबर का दिन हल्की ठंड और करीब 12 बजे का समय पीकू अपनी स्कूल पूरी कर रोज की तरह घर के पास के किले पर अपने हवाई किले बनाने जाता; पीकू बिलो मिडिल क्लास फैमिली में पल रहा एक 8 साल का बालक, स्कूल खत्म होते ही वो ऐसे भागता जैसे पिंजरे से चिड़िया।स्कूल में…
मेरे पड़ोस में एक सड़क है जहाँ से लगातार शोर आता है, शोर गाड़ियों का, गाड़ियों के हॉर्न का, गाड़ियाँ ऐसे दौड़ती है जैसे टायरों से दुनिया को घुमाना चाहती हो, एक ऐसी दुनिया जो पहले से घुमी हुई है, ऐसे लोग जो रुकना चाहते है पर रुक नही सकते, जिंदगी को महसूस करना चाहते…
आओ कभी मेहखाने में मिलकर चाय पिएंगे कभी , दो टुक रूककर चैन से जिएंगे कभी। आओ कभी मेहखाने में चाय पिएंगे कभी , तुम दूर से अपना हाल बयां करना ,मै पास से शिकवे सुन लूंगा सभी। तुम दूर से अपना हाल बयां करना , मै समन्दर की लहरो सा मिल लूंगा वही ।…
कभी पूरे चाँद सी, कभी गिटार सी लगती है तू मुझे। कभी कोयल मीठी सी, कभी तितली चंचल सी लगती है तू मुझे। कभी कठिन धुन सी ,कभी मधुर संगीत सी लगती है तू मुझे । कभी नायाब नज्म सी, कभी आबाद शायरी सी लगती है तू मुझे । कभी रूहानी प्रेम सी , कभी…
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